पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को ८ अगस्त को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न) से सम्मानित किया जाएगा। मुखर्जी के अलावा ये पुरस्कार मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और असम प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका को दिया जाएगा। इस सम्मान के लिए इन्हे इसी साल जनवरी में चुना गया था।
कांग्रेस नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया था और अपने बधाई संदेश में कहा है कि उन्होंने हमेशा 'देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए काम किया।'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल भारत रत्न के लिए प्रणव मुखर्जी के नाम का ऐलान किया था। भारत रत्न, देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो राष्ट्र की सेवा में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है।
प्रणब मुखर्जी जुलाई २०१२ से जुलाई २०१७ तक देश के राष्ट्रपति रहे। २००४ से उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। साल २००४ से २०१२ तक केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें प्रमुख 'संकटमोचक' माना जाता था। मुखर्जी १९८२ में ४७ वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे। मालूम हो कि पिछले वर्ष नागपुर में आर.एस.एस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर मुखर्जी को कुछ लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ा था।