उत्तराखंड की दूरदराज़ की पहाड़ियों के बीच बसे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रात: ५ बजकर ३५ मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिये गये है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। कपाट खुलने की प्रक्रिया प्रात:चार बजे से शुरू हो गयी थी दक्षिण द्वार पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ के पुजारी केदार लिंग वेदपाठियों ने कपाट खुलने की रस्मों को विधि-विधान से निभाया।
मंदिर में बाबा की पंचमुखी मूर्ति विराजमान कर दी गई है। सबसे पहले डोली को मंदिर में प्रवेश कराया गया। इसके बाद पुजारियों और वेदपाठियों ने गर्भगृह में सफाई की गई और मंदिर में पूजा अर्चना की। इससे पहले तड़के ४ बजे मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। भक्तों के दर्शन के लिए ठीक ६ बजे मंदिर के कपाट खोले गये. सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी के बेंड की धुनों ने पूरा केदारनाथ का वातावरण भोले बाबा के जयकारो से गुंजायमान हो गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक सहित श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ टेंपल कमिटी (बीकेटीसी) के सदस्य भी मौजूद रहे।
बाबा केदारनाथ धाम को लेकर यहां आने वाले लोगों की ये धारणा है कि साक्षात भगवान शिव यहां विराजते हैं। और इनके दर्श्न के लिए भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। ६ महीने बाबा केदार के कपाट बंद रहने के बाद आज पूरे विधि विधान के साथ भक्तों के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट खोले गए।