पौष पूर्णिमा के मौके पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे लोग

Aazad Staff

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पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही कल्पवास शुरू हो गया। इस अवसर पर आज लाखों की तादार में श्रद्धालू आस्था की डुबकी लगाएंगे। लेकिन आज चंद्र ग्रहण भी है इस लिए 10 बजकर 11 मिनट से लेकर 11 बजकर 12 मिनट तक श्रद्धालु स्नान नहीं करेंगे।

पौष पूर्णिमा के मौके पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। प्रयाग के कुंभ में स्नान विशेष फलदायी माना जाता है। लेकिन, आज चंद्रग्रहण के कारण सुबह 10 बज कर 11 मिनट से लेकर 11 बजकर 12 मिनट तक श्रद्धालु स्नान नहीं करेंगे। चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद ही लोग स्नान व दान करेंगे। इस मौके पर आज श्रद्वालुओं की ज्यादा से ज्यादा तादार में पहुंचने की उम्मीद लगाई गई है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने साढ़े पांच किलोमीटर क्षेत्र के 35 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।

प्रयागराज में कुंभ मेला का आज दूसरा शाही स्नान पौष पूर्णिमा है। कहते है कि आज के दिन यहां आस्था की डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ के अलावा इस दिन हरिद्वार, गंगासागर, गंगा नदी में डुबकी लगाने से पुण्य मिलता है।

आज के दिन नदियों में होता है दान का महत्व -
माना गया है कि पौष पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान करने का एक विशेष महत्व होता है। कहते है कि यहा पर लगाई गई आस्था की एक डुबकी मोक्ष दिलाती है साथ ही पापों से मुक्ति भी दिलाती है। कहते हैं इस दिन चंद्रमा को नामित व्रत करने से चंद्रमा के खराब प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।कुंभ के अलावा इस दिन हरिद्वार, गंगासागर, गंगा नदी में डुबकी लगाने से पुण्य मिलता है।

चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करना पुण्य का काम -

चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करना पुण्यदायक होता है। इस अवसर पर गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी व स्टील की कटोरी में खीर दान से लाभ मिलेगा।

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