देश में एक बार फिर से पोलियों का संकट मंडरा सकता है। गाजियाबाद स्थित मेडिकल कंपनी बायॉमेड की ओर से बनाई गई ओरल पोलियो वैक्सीन में टाइप-2 पोलियो वायरस पाया गया है। वैक्सीन में इस वायरस के पाए जाने की सूचना ने पोलियो उल्मूलन अभियान से जुड़े लोगों की मुश्किले बढ़ा दी है।
बता दें कि सालों पहले पोलियो को भारत मुक्त घोषित किया जा चुका है। साल 2016 में सरकार ने टाइप-2 की वैक्सीन को हमेशा के लिए नष्ट करने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार के आदेशों का उलंघन करते हुए कुछ लोगों ने इस टाइप-2 की वैक्सीन को नष्ट नहीं किया और इसकी सप्लाई की। बहरहाल पुलिस ने इस मामले में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सत्यप्रकाश गर्ग समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रहीं है। इसके साथ ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अगले आदेश तक बायॉमेड को किसी भी दवाई के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगा दी है।
बता दें कि सबसे पहले यह मामला उत्तर प्रदेश के कुछ बच्चों में देखन को मिला है। यहां कुछ बच्चों के मलवे में इस वायरस के लक्षण पाए गए। इन सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया। अधिकारी के मुताबिक, जांच में यह पुष्टी की गई है कि सैंपल में टाइप-2 पोलियो वायरस मौजूद पाया गया हैं।