पासपोर्ट सत्यापन(वेरिफिकेशन) के लिए अब आवेदकों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। सरकार ने पास्पोर्ट बनवाने के दौरान आवेदक को पुलिस स्टेशन जाने या पुलिस को आवेदक के घर आ कर सत्यापन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अब पुलिस कर्मियों को थाने के अभिलेखों के आधार पर ही जांच रिपोर्ट तैयार करके भेजनी होगी। एसएसपी ने यह व्यवस्था लागू करते हुए सभी थानेदारों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं।
पासपोर्ट सत्यापन के लिए नए निर्देश जारी किए गए है। इन निर्देशों के मुताबिक पुलिस फार्म में १२ सवालों की जगह अब केवल आवेदक से ६ सावाल ही किए जाएंगे। वहीं पुलिस कर्मी के आवेदक के घर जाने की अनिवार्ता को समाप्त कर दिया गया है। इससे बेवजाह होने वाली देरी भी खत्म होगी। इसके साथ ही नए नियम के तहत आवेदक को पुराने पते की जानकारी देने के बजाए नए पते की जानकारी देनी होगी।
यदि पुलिसकर्मी को आवेदक की आपराधिक पृष्ठभूमि जांचने घर जाना जरूरी है या अन्य जांच करनी है तो वे कर सकते हैं। लेकिन घर जाकर आवेदक के निवास का सत्यापन करना या आवेदक के फॉर्म पर दस्तखत कराने की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है।
वहीं पुराने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए भी पुलिस व एलआईयू की सत्यापन रिपोर्ट लगती है। इसके नाम पर धन उगाही किये जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा आवेदकों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था। लेकिन नए नियम के तहत अब आवेदक को परेशानी नहीं होगी।