प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिंगापुर के शांगरी ला डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि हजारों सालों से भारतीय पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं, सिर्फ सूरज को देखने के लिए नहीं, बल्?कि ये प्रार्थना करने को भी कि सूरज की रोशनी पूरे विश्?व में फैले। इसके साथ ही उन्होने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र का विकास दुनिया को प्रभावित करेगा।
भारत और चीन कई मुद्दों पर बात करते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए बेहद समझदारी और परिपक्वता का परिचय दिया है। हमारा मुख्य मिशन 2022 तक भारत को न्?यू इंडिया में बदल देना है। यह युग अंतर-निर्भरता पर आधारित है। हमारी तकदीर और असफलताएं आपसी सहयोग पर निर्भर करती है।कोई भी राष्ट्र अकेले खुद को आकार नहीं दे सकता, न ही खुद को सुरक्ष?ित रख सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आपसी दुश्मनी एशिया को पीछे की ओर लेकर जाएगी, जबकि एशिया में आपसी सहयोग नई शताब्दी को आकार देगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह ऐसी दुनिया है जो हमसे इस बात का आह्वान करती है कि हम बंटवारे और प्रतिस्पर्धा से ऊपर ऊठकर एक साथ मिलकर काम करें।
पूर्व वैदिक काल से ही भारतीय चेतना में महासागरों की एक महत्वपूर्ण जगह थी। हिंद महासागर ने भारत के अधिकांश इतिहास को आकार दिया है. और अब हमारे भविष्?य की चाभी भी इसके पास है।