१२ मार्च १९३० का दिन इतिहास में बेहद ही खास है। आज ही के दिन महात्मा गांधी और उनके अनुयायियों ने साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की थी और ब्रिटिश सरकार की ओर से नमक पर लगाए गए कर के खिलाफ़ मोर्चा खोला था। इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अहम पड़ाव के रूप में माना जाता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज ही के दिन अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह के लिये दांडी यात्रा शुरू की थी।इस मार्च के जरिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़कर उस सत्ता को चुनौती दी थी जिसके बारे में कहा जाता था कि उसके साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता है। 'दांडी मार्च' ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक बड़े मील के पत्थर का काम किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को दांडी मार्च की वर्षगांठ पर महात्मा गांधी और उन सभी को श्रद्धांजलि दी, जो न्याय और समानता की खोज में बापू के साथ दांडी गए थे। इस बीच प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी देशवासियों में भाई चारे की अटूट भावना को असल आजादी मानते थे लेकिन दुख की बात है कि कांग्रेस ने समाज को विभाजित करने में कभी संकोच नहीं किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस की संस्कृति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि दुख की बात है कि कांग्रेस ने समाज को विभाजित करने में कभी संकोच नहीं किया। सबसे भयानक जातिगत दंगे और दलितों के नरसंहार की घटनाएं कांग्रेस के शासन में ही हुई हैं। उन्होंने कहा कि बापू ने अतिरिक्त आय से दूर रहने की बात कही थी। हालांकि कांग्रेस ने अपने सभी बैंक खातों को भरने और गरीबों को बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान करने की कीमत पर शानदार जीवन शैली का नेतृत्व किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बापू ने वंशवादी राजनीति का तिरस्कार किया लेकिन आज 'वंश पहले' कांग्रेस के लिए रास्ता है।