राजस्थान के लोगों के लिए इंतजार की घड़िया अब बस खत्म होने वाली है। मंगलवार को प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान बाड़मेर के रिफाईनरी परियोजनाओं का शुभआरंभ करेंगे। इस परियोजना से विकास और रोजगार के दरवाजे भी लोगों के लिए खुलंगे। इस 43,000 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजना के चार साल में पूरा होने के बाद इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। बता दें कि अब तक का ये सबसे बड़ा निवेश है। इसे तेल रिफाईनरी के पास ही स्थापित किया गया है जिससे तेल लेजाना और भी आसान हो जाएगा।
इस रिफाइनरी को बनाने के लिए विश्व की खास तकनीक का इस्तमाल किया गया है। 9 एमएमटीपीए (मिलियन मिट्रिक टन प्रति साल) क्षमता वाली रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) व राजस्थान सरकार का एक संयुक्त उद्यम है, इसके उत्पाद बीएस-वीआई उत्सर्जन के मानकों के अनुरूप होंगे।
ऐसा अनुमान है कि इस रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल परिसर की सालाना क्षमता 90 लाख मैट्रिक टन होगी.43,129 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली आधुनिक रिफाइनरी के लिये 17 अगस्त को राजस्थान सरकार तथा सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे।
वहीं इस परियोजना को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है। इस रिफाइनरी का शिलान्यास 2013 में सोनिया गांधी कर चुकी हैं। निमंत्रण पत्र पर शिलान्यास के बदले कार्य शुभारंभ लिखा गया है जिसे कांग्रेस गलत बता रही है। कांग्रेस का कहना है राजस्थान में इस महीने तीन उपचुनाव होने है और मोदी सरकार लोगों को लुभाने के लिए ऐसा कर रही है। गौरतलब है 29 जनवरी को होने वाले इस उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।