पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज यानि कॉप-१४ को संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में करीब १०० देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
इस सम्मेलन में धरती पर जलवायु परिवर्तन, नष्ट होती जैव विविधता, मरुस्थलीकरण जैसे बढ़ते खतरों से निपटने को लेकर मंथन किया जाना है। यह सम्मेलन भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है। मना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सम्मेलन को लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। भारत में पहली बार बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम हो रहा है।
गौरतलब है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दो सितंबर से शुरू हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। यह संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (United Nations Convention to Combat Desertification, UNCCD) के तहत अयोजित होने वाला १४वां सम्?मेलन है। इसका कार्यक्रम का आयोजन दुनिया को बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचाने की मुहिम के तहत किया गया है। इस बार भारत इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। इस सम्?मेलन में अभी तक दुनिया भर के वैज्ञानिक अपने अपने मुल्?कों की समस्याएं और उनके निपटने को लेकर उठाए गए कदमों को साझा कर चुके हैं।
मालूम हो कि हाल ही में पर्यावरणीय प्रदूषण के लिए अमेरिका ने भारत और चीन को जिम्मेदार बताया था। अमेरिका ने कहा था कि पर्यावरण का मुद्दा सिर्फ विकसित देशों के ही एजेंडे में नहीं होना चाहिए। जब हम विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तो हमें यह देखना होगा कि वो देश जो आर्थिक प्रगति के ताने बाने को और आगे ले जा रहे हैं उनकी भूमिका किस तरह की होनी चाहिए। विकासशील देशों को आगे बढ़ने का अधिकार है। लेकिन पर्यावरणीय मुद्दे पर उन्हें आगे आना चाहिए।