राम मंदिर का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है अब इस मामले में परम धर्म संसद के प्रमुख संत स्वरूपानंद सरस्वती ने ऐलान किया है कि अयोध्या में २१ फरवरी को राम मंदिर की नीव रखी जाएगी। राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रयागराज में पिछले दो दिनों से परम धर्म संसद की बैठक चल रही थी। जिसके बाद संत स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि बसंत पंचमी के बाद हम साधु संत अयोध्या प्रस्थान करेंगे और अगर उन्हें इस बीच रोकने की कोशिश की गई तो वो राम मंदिर के लिए गोली का सामना करने के लिए भी तैयार हैं।
अयोध्या में राममंदिर के लिए शांति पूर्ण और अहिंसक आंदोलन चलाया जाएगा। बता दें कि अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से अटका हुआ है जिसे लेकर २९ जनवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन ५ जजों की बेंच में जस्टिस एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी के चलते सुनवाई को टाल दिया गया।
वहीं इस मामले में अब केंद्र सरकार ने नया दाव पेच आजमाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है कि अयोध्या में अधिग्रहित ६७.७०३ एकड़ जमीन में से विवादित भूमि जो कि ०.३१३ एकड़ है, उसे छोड़कर अतिरिक्त जमीन भारत सरकार को वापस लौटा दी जाए। केंद्र सरकार ने अपनी अर्जी में कहा है कि रामजन्म भूमि न्यास की ४२ एकड़ गैर-विवादित भूमि है जो उसे लौटाई जा सकती है।