होटल-रेस्ट्रॉन्ट को पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर दर्ज MRP पर अब छूट मिल गई है।होटल ऐंड रेस्ट्रॉन्ट असोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) बनाम केंद्र सरकार को कोर्ट की तरफ से आदेश जारी कर कहा गया है कि होटल और रेस्ट्रॉन्ट्स सर्विस देते हैं और उन्हें लीगल मिट्रॉलजी ऐक्ट के तहत नहीं चलाया जा सकता। लाहाजा इसके होटल-रेस्ट्रॉन्ट को MRP पर कीमतों को बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
होटल ऐंड रेस्ट्रॉन्ट असोसिएशंस ऑफ इंडिया ने इस सिलसिले में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि होटल और रेस्तरां फूड और ड्रिंक्स सर्व करते हैं, वे सर्विस देते हैं और यह कंपोजिट बिलिंग के साथ मिला-जुला ट्रांजैक्शन है और इन इकाइयों पर एमआरपी रेट के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता।
बता दें की सरकार ने एफएचआरएआई के खिलाफ अपने हलफनामे में कहा था कि होटलों और रेस्ट्रॉन्ट्स में प्री पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स के लिए एमआरपी रेट से ज्यादा चार्ज लेना लीगल मीटरोलॉजी ऐक्ट के तहत अपराध है और मिनरल वॉटर को एमआरपी पर बेचने पर होटलों और रेस्तराओं के मैनेजमेंट स्टाफ को जेल और जुर्माना हो सकता है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि मोल का मामला सिर्फ पानी तक ही क्यों रहे इस दायरे में पैकेटबंद खाद्य पदार्थ मसलन, चिप्स और बिस्किट स्नैक्स वगैरह भी आ सकते हैं। बहरहाल कोर्ट के रुख से ये अंदाज़ा तो पुख्ता होता है कि होटल रेस्तरां मॉल मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की कीमतें मनमानी हो सकती हैं।
दिल्ली हाइकोर्ट ने होटल रेस्टोरेंट मॉल और मल्टीप्लेक्स में MRP पर ही मिनरल वॉटर बेचने का फैसला दिया था, फेडरेशन ने उसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी