आई.एन.एक्स (INX) मीडिया हेराफेरी मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मुश्किले बढ़ गई है। उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। आई.एन.एक्स (INX) मीडिया केस में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद चिदंबरम ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हालांकि कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जस्टिस रमन्ना की बेंच ने चिदंबरम की याचिका को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेजा है। इस मामले में कुछ ही देर में सुनवाई होनी है। बता दें कि इस पूरे केस में आई.एन.एक्स (INX) मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने के बाद से चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ गई है।
बता दें कि मंगलवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। चिदंबरम ने अपनी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से जस्टिस रमन्ना के सामने मामले को बुधवार को रखने को कहा था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस सुनिल गौर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया था। यह अग्रिम जमानत याचिका चिदंबरम ने सी.बी.आई और ईडी के केस में दायर की थी। याचिका खारिज होते ही चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। बता दें कि पिछले साल से ही चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक थी।
क्या है मामला -
वर्ष २००६ के एयरसेल-मैक्सिम समझौते और मनी लैंडिग मामले में जालसाजी करने का आरोप है। जांच एजेंसियों का दावा है कि सन २००७ में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब उन्होंने पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया (INX Media) को मंज़ूरी दिलाई. इसके बाद इस कंपनी में कथित रूप से ३०५ करोड़ का विदेशी निवेश आया। अनुमति मिली थी मात्र पांच करोड़ के निवेश की, लेकिन आईएनएक्स मीडिया में ३०० करोड़ से अधिक का निवेश हुआ। कथित रूप से खुद को बचाने के लिए आईएनएक्स मीडिया ने कार्ति चिदंबरम के साथ साज़िश की और सरकारी अफसरों को प्रभावित करने का प्रयास किया। यह भी दावा किया गया है कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने रिश्वत ली थी।