असम में नए साल के पहले दिन बहुप्रतीक्षित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी कर दिया गया इसमें असम के 3 करोड़ 29 लाख लोगों मे से 1 करोड़ 90 लाख लोगों को जगह मिली है। जिन्हे कानूनी तौर पर भारत का नागरिक माना गया है। हालांकि बांकी नामों को लेकर विभिन्न स्तर पर जांच की जा रही है।
बता दें कि यह मसौदे रविवार आधी रात को प्रकाशित किया गया। एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए 3.28 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। उनके दस्तावेजों की सत्यता की जांच करने के बाद अब तक 1.90 करोड़ लोगों को प्रथम मसौदे में स्थान मिला है।
इसकी जानकारी देते हुए ?रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया? , शैलेश ने बताया कि यह एक पहला ड्राफ्ट है जिसमें 3.29 करोड़ में से 1.90 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही शैलेश ने कहा कि दूसरा मसौदा जल्द की अमल में आएगा। उन्होने कहा कि बचे हुए लोगों की जानकारी वेरिफिकेशन की प्रोसेस में है। जिन लोगों के नाम लिस्ट में नहीं हैं वो परेशान ना हो, जैसे ही उनकी वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी होगी उनके नाम भी आ जाएंगे।
बता दें कि यह प्रक्रिया कांग्रेस के वक्त में शुरू हुई थी. 2005 में असम में कांग्रेस का शासन था. फिर बीजेपी के सत्ता में आने के बाद इसमें तेजी आई. इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य सरकार 31 दिसंबर तक एनआरसी का पहला ड्राफ्ट जारी करे.