निजी कर्मचारियों की बढ़ेगी पेंशन सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

Aazad Staff

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सुप्रीम कोर्ट ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ज्‍यादा पेंशन दिए जाने का रास्‍ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में ईपीएफओ द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे सभी कर्मचारियों के पेंशन में भारी बढ़त का रास्ता साफ कर दिया है। ऐसे में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अब पहले से ज्?यादा पेंशन मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भविष्?य निधि संगठन (EPFO) की याचिका को खारिज कर दिया है।

केरल हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में भविष्?य निधि संगठन को कहा था कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन मिलनी चाहिए। जिसे लेकर ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। बता दें कि अभी तक ईपीएफओ अधिकतम१५००० हजार रुपये तक की सैलरी को आधार बनाते हुए ही पेंशन देता था।

वहीं कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत सरकार पेंशन पर हर साल करीब ९००० करोड़ रुपये खर्च करती है। यदि प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो बहुत जल्द यह आंकड़ा बढ़कर १२००० करोड़ रुपये तक जा सकता है।

? भारत सरकार का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ही सभी कर्मचारियों के EPF और पेंशन खाते को मैनेज करता है।

? हर ऐसा संस्थान जहां पर २० या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, उसे EPF में हिस्सा लेना होता है।

? EPS इस योजना के साथ जुड़कर चलती है इसलिए EPF स्कीम का मेंबर बनने वाला हर शख्स पेंशन स्कीम का मेंबर अपने आप बन जाता है।

? EPF या EPS में, ऐसे कर्मचारियों का अंशदान जमा होना अनिवार्य है, जिनका बेसिक वेतन + DA १५००० रुपये या इससे अधिक होता है।

? जो कर्मचारी इससे अधिक बेसिक सैलरी पाते हैं, उनके पास EPF और EPS को अपनाने या छोड़ने का विकल्प होता है।

? आपके PF खाते में नियोक्ता जो पैसा डालता है उसका एक हिस्सा पेंशन स्कीम के लिए ही इस्तेमाल होता है, जबकि आपकी सैलरी से जो पैसा कटता है वो पूरा का पूरा EPF स्कीम में चला जाता है।

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