पेट्रोल और डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में रखने के साथ साथ इस पर राज्य सरकारों की ओर से कुछ वैट भी लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि जीएसटी व्यवस्था देशभर में एक जुलाई, 2017 से लागू है।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी की सबसे उच्च दर (28 फीसदी) तथा वैट दोनों को मिलाकर कीमत उसी दायर में आ जाएगा जितना की यह दोनों ईंधनों पर मौजूदा समय में लग रहा है, जिसमें उत्पाद शुल्क तथा राज्यों द्वारा लगाया गया वैट शामिल है।
पेट्रोल तथा डीजल को जीएसटी में लाने से पहले केंद्र सरकार को यह फैसला करना होगा कि क्या वह लगभग 20,000 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट तेल खरीदारों को देने की इच्छुक है, जिसे वर्तमान में वह अपने पास रखती है, क्योंकि ईंधन फिलहाल जीएसटी व्यवस्था से बाहर है।
जीएसटी व्यवस्था लागू करने से नजदीकी तौर पर जुड़े अधिकारी ने कहा कि दुनियाभर में कहीं भी पेट्रोल व डीजल शुद्ध रूप से जीएसटी के दायरे में नहीं है, इसलिए भारत में भी इसपर जीएसटी तथा वैट दोनों ही प्रकार के कर लागू होंगे।