सिनेमाहॉल में राष्ट्रगान बजाना जरूरी नहीं - सुप्रीम कोर्ट

Aazad Staff

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सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2017 के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाहॉल में राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना या न बजाना सिनेमाघरों के मालिकों की मर्जी पर निर्भर होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने से दिव्यांगों को छूट मिलती रहेगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कोर्ट से कहा था कि अदालत को अपने आदेश में बदलाव करना चाहिए। केंद्र ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि इस मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल कमिटी का गठन किया गया है ताकि वह नई गाइडलाइंस तैयार कर सके।

गौरतलब है कि इस मामले में 23 अक्टूबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सिनेमाहॉल और दूसरी जगहों पर राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो या नहीं, इसे वह (सरकार) तय करे। इस संबंध में जारी कोई भी सर्कुलर कोर्ट के इंटेरिम ऑर्डर से प्रभावित न हो।

राष्ट्रगान को लेकर 30 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश -
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के सभी सिनेमाहॉल में मूवी शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा इसके साथ ही कोर्ट ने इस दौरान स्क्रीन पर तिरंगा नजर आना का निर्देश दिया था। साथ ही, राष्ट्रगान के सम्मान में सिनेमाहॉल में मौजूद सभी लोगों को खड़ा होना अनिवार्य होगा। राष्ट्रगान के दौरान सिनेमाहॉल के गेट बंद कर दिए जाएं, ताकि कोई इसमें खलल न डाल पाए।

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