सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के गर्भपात को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक अब किसी भी महिला को गर्भपात कराने के लिए अपने पति की सहमति लेने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा किसी भी विवाहित व बालिक महिला को बच्चे को जन्म देने या गर्भपात कराने का पूरा अधिकार है।किसी भी महिला को गर्भपात कराने के लिए अपने पति से सहमति लेना जरूरी नहीं है।
गौरतब है कि एक पती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी इस याचिका में पत्नी से अलग हो चुके पती ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व पत्नी के साथ उसके माता-पिता, भाई और दो डॉक्टरों पर 'अवैध' गर्भपात का आरोप लगाया था। पति ने बिना उसकी सहमति के गर्भपात कराए जाने पर आपत्ति दर्ज की थी।
बता दें कि जिस व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में गर्भपात के लिए याचिका दायर की थी उसकी शादी सन् 1995 में हुई थी। 2003 में जब दोनों ने तलाक लिया उस समय महिला प्रेगनेंट थी। लेकिन महिला इस बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती थी और गर्भपात करवाना चाहती थी। लेकिन पति ने इस बात का विरोध जताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।