आरक्षण को लेकर अक्सर देश में सवाल खड़े होते रहे है कभी आरक्षण की मांग को लेकर तो कभी आरक्षण खत्म करने को लेकर। देश में सालों से चली आ रही आरक्षण की मांग को गुजरात में समाप्त कर दिया गया है। गुजरात हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत किसी भी जाती या समुदाय को आरक्षण नहीं मिलेगा। इसके साथ ही गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां किसी भी समुदाय को अब आरक्षण नहीं मिलेगा। यहां आरक्षण को सभी कैटेगरी से पूर्ण रुप से समाप्त कर दिया गया है फिर चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर सरकारी नौकरी का।
गुजरात हाई कोर्ट ने अगले 25 सालो तक इन तमाम स्थनों पर आरक्षण समाप्त कर दिया गया है जिनमें -
- रेलवे में सफ़र
- बसो में सफ़र
- फ़िल्म
- होटल बुकिंग
- पढाई में
- सरकारी नौकरी
- पदोनत्ति आदि स्थान सामिल है।
गुजरात हाईकोर्ट का फैसले के तहत सभी आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को सिर्फ आरक्षण उनके वर्ग में ही मिलेगा फिर चाहे उसका मेरिट मे कितना ही ऊँचा स्थान क्यू ना हो। अगर कोई जाति प्रमाण पत्र देता है तो उसे आरक्षित क्षेत्र में ही जगह मिलेगी और वह अनारक्षित कोटा में जगह नहीं बना सकता। गुजरात ब्राह्मण समाज ने आरक्षण के खिलाफ रोस्टर प्रणाली के तहत मुकदमा किया था जिसमें ब्राह्मण समाज को जीत हासिल हुई है।