निकाह हलाला और बहुविवाह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और विधि आयोग को नोटिस जारी किया है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि दायर याचिकाओं पर सुनवाई संविधान पीठ करेगी।
नफीसा खान सहित चार याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि संविधा के बनाए गए कानुन सबके लिए एक समान है। इस मामले में वकील अश्?विनी उपाध्याय ने आईपीसी की धारा 498A ट्रिपल तलाक, निकाह-हलाला को रेप की धारा 375 और बहुविवाह को धारा 494 के अंतरगत रखना चाहिए और अराधियों के लिए समान सजा का प्रावधान होना चाहिए की बात कही थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों चीफ जस्ट?िस दीपक मिश्रा, जस्टिस एम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने नोटिस जारी किया।
हैदराबाद के रहने वाले मौलिम मोहिसिन बिन हुसैन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर मुसलमानों में प्रचलित मुता और मिस्यार निकाह को अवैध और रद घोषित करने की मांग की है। इसके अलावा याचिका में निकाह हलाला और बहुविवाह को भी चुनौती दी गई है।
जाने क्या होता है निकाह हलाल-
मुस्लिम धर्म में निकाह हलाला एक तरह की रस्म है। इसमें किसी भी तलाकशुदा महिला को अपने ही पति से वापस शादी करने लिए पहले किसी और से शादी कर के तलाक लेना जरूरी बताया जाता है।