राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने गंगा नदी के किनारे स्थित हरिद्वार, ऋषिकेश, हर की पौड़ी जैसे शहरों में कैरी बैग, प्लेट, ग्लास जैसी प्लाटिक से बनी चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका असर उत्तर भारत में भी देखने को मिल रहा है।
गंगा किनारे किसी भी तरह के प्लास्टिक के बैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह बैन उत्तरकाशी के ऊपरी इलाकों पर भी प्रभावी होगा। वहीं इसका उल्लंघन करने वाले पर 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
NGT ने इस्तेमाल पर बैन के अलावा प्लास्टिक बैग को स्टोर करने, प्लास्टिक बैग को खरीदने, बेचने पर भी रोक लगा दी है। NGT ने पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से कहा है कि जिनके पास भी प्लास्टिक के बैग मिलते हैं या कोई इसका इस्तेमाल करता हुआ मिलता है तो उसपर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाए। वहीं गलती करने वालों पर भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने अपने आदेश में ये भी कहा कि प्रतीबंद के बावजूद भी गंगानदी में इसका इस्तमाल किया जा रहा है जिसके कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है। एमसी मैहता की अध्यक्षता में इस याचिका पर सुनवाई की गई है।