राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाला १२३वां विधेयक लोकसभा में गुरुवार को दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। इस विधेयक के लिए ४०६ सदस्यों ने अपना बहुमत दिया। गौरतलब है कि इससे पहले बीजद के भर्तृहरि महताब द्वारा पेश संशोधन को सदन ने 84 के मुकाबले 302 मतों से नकार दिया।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का संकल्प लिया था, इसलिए इसे दोबारा लोकसभा में राज्यसभा के संशोधनों पर वैकल्पिक संशोधनों के साथ लाया गया है। बता दें कि इस दौरानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे।
१२३वां संशोधन विधेयक, २०१७? के पारित किए जाने के बाद सामाजिक न्याय और आधिकारिक मंत्री ने बताया कि इससे ओबीसी का सशक्तिकरण होगा और आगोग की शक्तियां भी बढ़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग में महिला सदस्य को शामिल करने की महताब और अन्य सदस्यों की मांग के संदर्भ में सरकार ने आश्वासन दिया था कि नियम बनाते समय ऐसा किया जाएगा। इस आश्वासन को सरकार दोहराती है। एससी और एसटी आयोग की शब्दावली में भी महिला सदस्य को लेकर कोई उल्लेख नहीं है।