नरोदा पाटिया मामले में तीन दोषियों को 10 साल की सजा व 1000 का जुर्माना

Aazad Staff

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इस मामले में 62 आरोपितों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे।

गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 नरोदा पाटिया दंगा मामले में आज तीन दोषियों उमेश भारवाड़, पद्मेंद्र सिंह राजपूत और राजकुमार चौमल को 10 साल की सजा सुनाई है और साथ ही इन आरोपियों पर 1000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है।

बता दें कि गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। ये दंगे 28 फरवरी, 2002 को हुए थे। इस दंगे में 33 लोग घायल हो गए थे।

दंगे 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के एक दिन बाद हुए थे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था। इसी दौरान नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था।

हालांकि नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा अगस्त 2009 में शुरू हुआ था। जिसके तहत अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए थे।

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