केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने एसीजेएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। जांच के बाद यह तय होगा कि हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी या नहीं। २८ जून को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने डॉ. हर्षवर्धन और मंगल पांडेय को गैर जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। बता दें कि इनके खिलाफ १७ जून को याचिका दायर की गई थी। तमन्ना हाशमी ने याचिका में लिखा था कि जागरुकता अभियान नहीं चलाने की वजह से बच्चों की मौत हुई है। इस बीमारी से पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है। सरकार की लापरवाही की वजह से बच्चों की जान जा रही है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुजफ्फरपुर में हुई १८० से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में केंद्र और बिहार सरकार को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी.आर. गवई की बेंच ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण एवं स्वच्छता और राज्य की स्वच्छता स्थिति को लेकर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने न्यायालय को बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पहले इसी तरह से कई लोगों की जान जा चुकी है। कोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को भी इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अब १० दिन बाद आगे सुनवाई की जाएगी।