बिहार में चमकी बुखार का खौफ कम होने का नाम नही ले रहा अब तक ११७ बच्चों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर पड़ोसी राज्य झारखंड में अलर्ट पहले ही जारी कर दिया गया था। वहीं अब मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में भी स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश में इस बीमारी से जुड़ा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इस बीमारी से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पहले से ही करने को कहा गया है।
वहीं राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया है। अस्पताल के अधिकारियों को कहा गया है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही सारी तैयारियां कर लें।
वहीं ओडिशा में भी चमकी बुखार को लेकर सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा आयुक्त को भी खास निर्देश जारी किए हैं। क्यों की बिहार में चमकी बुखार के पीछे की वजह लीची को बताया जा रहा है जानकारों की माने तो लीची के बीज में मेथाईलीन प्रोपाइड ग्लाईसीन (एमसीपीजी) होता है। जो इस बीमारी को पनपने के लिए सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। और इसी वजह को बिहार में बच्चों की मौत का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसी को ध्यान में ऱखते हुए ओडिशा सरकार लीची में विषाक्त सामग्री का पता लगाने के लिए बाजार में बेची जा रही लीची के नमूने एकत्र करने और उसका परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि 'चमकी बुखार' में बच्चे को लगातार तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होती है। कमजोरी की वजह से बेहोशी आती है और शरीर में कंपन के साथ झटके लगते रहते हैं। बिहार में इस रोग के कारण अब तक ११७ बच्चों की मौत हो चुकी है।