प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिंगापुर में 13वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का मक़सद एशिया-पेसिफिक देशों के साथ व्यापार-निवेश,विज्ञान-प्रौद्योगिकी,सूचना,मानव संसाधन के आदान-प्रदान सहित क्षेत्र में व्यापार और नौवहन क्षेत्र में स्वतंत्रता लाने पर होगा। इसमें रूस,अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया जैसे देशो ने भी शिरकत किया।
बता दें कि इसके सदस्य देशों में 10 आसियान देश इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, म्यांमा, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हैं।
2015 में आसियान ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति का स्वागत किया था। पीएम नरेंद्र मोदी की इस 2 दिवसीय यात्रा से आसियान के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी मज़बूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक भारत डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में काफी लंबा सफर तय कर चुका है। सिंगापुर में आयोजित फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत दुनियाभर की फिनटेक कंपनियों के लिए बहुत बड़ा अवसर का द्वार बन गया है।
सिंगापुर को वित्तीय सेवाओं का हब बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में उनकी सरकार हर नागरिक के समावेषित विकास के मिशन से आई थी ताकि दूर-दराज के इलाके में रहने वाले नागरिक के भी जीवन में बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेषण आज के वक्त में भारतीयों के लिए हकीकत बन चुका है। बता दे कि यह प्रधानमंत्री मोदी का पांचवां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन है।