स्टेट बैंक विधेयक 2017 बुधवार को राज्यसभा से पारित कर दिया गया। इस विधेयक में एसबीआई के पांच बैंकों को भारतीय स्टेट बैंक में विलय के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसे संसद में कल वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया।
मंत्री ने विलय के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे लागत को कम कर बैंक की लाभप्रदता बढ़ाने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। शिव प्रताप शुक्ल ने जानकारी देते हुए कहा कि इस विलय के बाद सरकार किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई है।
इस विलय के बाद एसबीआई के ग्राहकों की संख्या 37 करोड़ तक पहुंच गई है। विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण को लेकर आशंका जताई। कई सदस्यों ने बैंकों के नियमन एवं निगरानी प्रणाली को दुरूस्त बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
वहींजेडीयू सांसद हरिवंश ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में विलय ही हर समस्या का उपचार नहीं हो सकता।