दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण व प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी के बावजूद दिल्ली व आसपास के सटे इलाको में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने प्लास्टिक तैयार करने वाली 500 से ज्यादा फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है। उत्तरी नगर निगम ने 53 और दक्षिणी नगर निगम ने 517 फैक्ट्रियों पर सीलिंग की कार्रवाई की है। इसके अलावा नगर निगम ने प्लास्टिक इस्तेमाल करने वाली फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए 10 और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को बंद करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद प्रदूषण फैलाने वाले हजारों वाहनों को चलाने पर प्रतिबंद कर दिया है। इसके साथ ही बढ़ते प्रदूषण को कम करने व हवा में फैले स्माॅग को कम करने के लिए पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
इतना ही नहीं हवा की गुडवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। दिल्ली में केवल ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमती है। इसके साथ ही कोर्ट ने केवल दो घंटे के लिए ही पटाखे जलाने की अनुमती दी है।