दिल्ली के तुगलकाबाद में बुधवार को हुई हिंसा को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान सामने आया है। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बुधवार को जो तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं वे अनुचित हैं और उससे बसपा का कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है और वह कानून के दायरे में रहकर ही संघर्ष करती है।
मायावती ने एक और ट्वीट कर कहा, बसपा के लोगों के कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परम्परा है वह पूरी तरह से बरकरार है। जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है। हमें अपने संत, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ व क्षति नहीं पहुंचानी है।'
मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को हिदायत दी कि तुगलकाबाद में रविदास मंदिर गिराए जाने की अति दुखद घटना के बाद अगर सरकार वहां धारा १४४ के तहत प्रतिबंध लगाती है तो कार्यकर्ता उसका उल्लंघन ना करें और घटनास्थल पर जबरन जाने की कोशिश ना करें ताकि सरकार को निरंकुश और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करके उन्हें प्रताड़ित करने का कोई मौका न मिल सके।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविदास मंदिर को ढाह दिया गया था जिसके बाद बड़ी संख्या में दलित समुदाय इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। बुधवार शाम को लोगों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया। बता दें कि इस आंदोलन की अगुवाई भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर कर रहे थे। दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी इसमें शामिल थे। विरोध प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दलित समुदाय के लगभग ५ हजार लोग शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन बढ़ता देख पुलिस ने आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर समेत ९० लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।