दिल्ली सरकार ने शालीमार बाग में स्थित मैक्स अस्पताल का लाईसेंस रद्द कर दिया गया है। कुछ दिन पहले नवजात जुड़वा बच्चों को मृत बताया था। हालांकि बाद में परिजनों ने एक बच्चे को जिंदा पाया। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बता दें कि 22 हफ़्ते के जिंदा नवजात को मृत बताकर माता-पिता को सौंपने के मामले में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन मैक्स अस्पताल और डॉक्टरों के पक्ष में आकर खड़ा हो गया था।
बहरहाल इसके जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बैठाई गई। जिसके तहत जांच में अस्पताल को दोषी पाया गया। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जैन ने कहा कि यह घटना अस्वीकार्य है क्योंकि यह अस्पताल बार-बार कानून का उल्लंघन करने का आदी हो गया है। इससे पहले उसे आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के मरीजों के लिए तय कोटे के तहत उनका इलाज से इनकार करने और डेंगू मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं कर पाने का दोषी पाया गया था। इन मामलों में अस्पताल को नोटिस भी जारी किए गए थे।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस) ने अस्पताल को आदेश दिया है कि वह किसी भी नए मरीज को भर्ती न करे और सभी आउटडोर स्वास्थ्य सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर दे।
वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो अस्पतालों के दैनिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं लेकिन किसी भी अस्पताल द्वारा खुली लूट और आपराधिक लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।