गंगा नदी को साफ करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया लक्ष्य तय कर दिया है। दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मार्च 2019 तक गंगा के पानी की क्वालिटी में 70 से 80 प्रतिशत तक सुधार आएगा। इसके साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं होने की छवि बदलने का प्रयास कर रहे गडकरी ने कहा, गंगा की सफाई पर इस वित्त वर्ष में 8 हजार करोड़ से 10 हजार करोड़ रुपये तक खर्च किया जाएगा, जिसमें नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा।
इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा नदी को कुल 97 छोटे-बड़े शहर प्रदूषित करते हैं। ये गंगा में 2953 MLD सीवेज छोड़ते हैं। इसमें से 1897 MLD की हिस्सेदारी सिर्फ 10 शहरों की है जिन्में सबसे अधिक प्रदूषित करने वाले शहर हरिद्धार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, फर्रुखाबाद, पटना,कोलकाता, हावड़ा जैसे शहर है।
बहरहाल पिछले वर्ष के अंत तक क्लीन गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) में सिर्फ 4254 करोड़ रुपये खर्च कर पाया था, जो 2015 में इसके तहत गंगा की सफाई के लिए रखे गए 20 हजार करोड़ रुपये के बजट का मात्र 20 प्रतिशत ही था।