पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की जाने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना को नकारते हुए कहा है कि नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन से बंगाल बाहर रहेगा। इस योजना के तहत ममता का कहना है कि उनके राज्य में स्वास्थ्य से जुड़ी स्किम पहले से ही मौजूद है। स्सास्थ्य बीमा योजना को लेकर ममता का मानना है की इस योजना में राज्य सरकार अपनी गाड़ी कमाई का पैसा खर्च नहीं करेगी। बहरहाल आपको बता दें कि इस तरह का निर्णय लेने वाली यह पहली राज्य सरकार है।
ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने बंगाल में तो अस्पतालों में भर्ती और उपचार को पहले से ही मुफ्त कर रखा है। बंगाल सरकार ने अपने स्वास्थ्य साथी कार्यक्रम का लाभ अब तक 50 लाख लोगों तक पहुंचाया है. बताते चले कि करीब एक साल में 6,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा लगाया है सरकार की इस योजना में केंद्र सरकार ने इसके लिए 2,000 करोड़ का एक तात्कालिक आवंटन किया है।
उन्होंने केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के लिए पूरे देश के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने सिर्फ राज्य के लिए शुरू की गई योजना कन्याश्री प्रोजेक्ट के लिए पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित किए।