भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या ब्रिटेन की न्यायाधीश ने शुक्रवार को कहा कि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कुछ कर्ज देने में भारतीय बैंक नियमों को तोड़ रहे थे और यह बात 'बंद आंख से भी' दिखती है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस मामले में 'भारी तादाद' में सबूतों को आपस में जोड़कर तस्वीर बनानी होगी। उन्होंने कहा कि अब वह इसे कुछ महीने पहले की तुलना में ज्यादा स्पष्ट तौर पर देख पा रही हैं।
कोर्ट ने कहा कि यह साफ है कि बैंकों ने (कर्ज मंजूर करने में) अपने ही दिशानिर्देशों की अवहेलना की. जज एम्मा ने भारतीय अधिकारियों को इस मामले में शामिल कुछ बैंक कर्मियों के पर लगे आरोपों को समझाने के लिए ?आमंत्रित? किया और कहा कि यह बात माल्या के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
बता दें कि 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई चल रही है। माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में विवादों में घिरने के बाद माल्या ने दो मार्च 2016 को भारत छोड़ दिया था और तब से वह ब्रिटेन में रह रहे हैं। भारत में माल्या की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है।