प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार को 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया । इस दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे, जबकि नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी और न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बख्शी विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल हुए है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 23 जनवरी को समापन कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है, जब यह तीन दिवसीय कार्यक्रम नौ जनवरी के बजाय 21 से 23 जनवरी के बीच आयोजित किया गया है, इसे लेकर यह तर्क दिया गया है कि इस कार्यक्रम में पहुंचे लोग इलाहाबाद के कुंभ मेले में जा पाएं और यहां गणतंत्र दिवस परेड भी देख सकें।
गौरतलब है कि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और पहला कार्यक्रम उस साल नौ जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ था। इस कार्यक्रम के लिए नौ जनवरी का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। बयान के अनुसार प्रवासी भारतीय दिवस अब हर दो साल पर मनाया जाता है। यह प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।