इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण १६ जुलाई को लग रहा है और इस दिन आषाढ़ी पूर्णिमा होने के कारण गुरु पूर्णिमा का भी योग बन रहा है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दिन वेदव्यासजी की जन्मतिथि पर मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन ग्रहण का समय तकरीबन ३ घंटे का होगा, जो १.३२ बजे मध्यरात्रि से तड़के ४.३० बजे तक होगा। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होने से पूजा कार्यक्रम प्रभावित होंगे। सूतक लगने के कारण शाम ४.३० से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। बता दें कि पूर्णिमा के मौके पर ये दूसरी बार है जब चंद्र ग्रहण लग रहा है। पिछले साल २७ जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्रग्रहण लगा था।
दरअसल चंद्रग्रहण से ९ घंटे पहले सूतक लग जाता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण का प्रारंभ रात में १.३१ बजे हो रहा है तो सूतक काल ९ घंटे पूर्व यानी शाम को ४.३० बजे से ही लग जाएगा। चंद्र गहण के मोक्ष होने तक सूतक काल होता है। मान्यता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण से १२ घंटे पहले ही लग जाता है।
यहां दिखेगा चंद्रग्रहण -
चंद्रग्रहण पूरे भारत में देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ऑस्ट्रेलिया, एशिया (उत्तर-पूर्वी भाग को छोड़ कर), अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग में दिखाई देगा।