दिल्ली : शीत कालीन सत्र के दौरान लोकसभा में मंगलवार को 245 नए कानूनों को खत्म करने की मंजूरी दे दी. सदन ने निरसन और संशोधन विधेयक 2017 तथा निरसन और संशोधन (दूसरा) विधेयक 2017 को मंगलवार को पारित कर दिए. चर्चा के दौरान सांसदों ने इसका समर्थन किया। जबकि कई विधायकों ने इस विधेयक के विरुद्ध सवाल भी उढ़ाये। इस मामले में विधायकों की मांग थी कि बेकार को चुके कानूनों को खत्म करने के लिए न्यायधिशो की मदद से स्थाई तंत्र बने.
बता दे की हमारी देश की आजादी के 70 वर्ष हो गए हैं लेकिन आजादी के 70 वर्ष बाद भी अंग्रेजों के जमाने के कानून आज भी मौजूद हैं. ये ऐसे कानून है जो आजादी के आंदोलन को दबाने के लिए बनाये गए थे.
इस मुद्दे को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि अंग्रेजों के जमाने के कई कानून हैं जो अब अप्रासंगिक हो चुके हैं. अंतिम बार 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यह काम हुआ था जिसके बाद 2014 में अपनी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में हर रोज एक ऐसे कानून को निष्प्रभावी बनाने की बात कही थी.
सरकार ने दो सदस्यों की समिति बनाई और 1824 कानूनों को निष्प्रभावी करने की आवश्यकता लगी. हालाँकि रविशंकर प्रसाद ने कानून बनाने का काम संसद का है और कौन सा कानून चलेगा या नहीं चलेगा इसका जिम्मा भी संसद का है.