कुंभ मेला 2019 का मकर संक्राति से आगाज हो चुका है। मंगलवार को मकर संक्राति के अवसर पर हजारों लगों ने आस्था की डुबकी लगाई और इसी के साथ यहां पहला शाही स्नान किया। कुंभ में अभी और भी कई शाही स्नान होंगे और आखिरी शाही स्नान 4 मार्च यानी शिवरात्री के दिन होगा और इसी के साथ कुंभ मेले का समापन भी हो जाएगा।
वैसे तो कुम्भ मेले के दौरान कई शाही स्नान होते हैं लेकिन इस बार 6 शाही स्नान है। शाही स्नान में सबसे पहले अखाड़ों से जुड़े साधु संत ही स्नान करते हैं। इन अखाड़ों के स्नान के बाद ही आम लोगों को स्नान की इजाज़त होती है। कहते हैं शाही स्नान के शुभ मुहूर्त पर ही डुबकी लगाने से अमर होने का वरदान हासिल होता है। यही कारण है कि कुम्भ के शाही स्नान के दौरान डुबकी लगाने की होड़ लोगों में देखने को मिलती है।
15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। जो 2019 में 21 जनवरी को होगी इसके बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है। कुंभ मेले में पांचवां स्नान 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन होगा।
मकर संक्राति (15 जनवरी): जनवरी महीने में जब सूर्य धनु राशि से (दक्षिणायन) मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होता है तो मकर संक्रांति मनायी जाती है, इस दिन स्नान के बाद दान की खास महिमा मानी जाती है।
पौष पूर्णिमा (21 जनवरी, 2019): पौष मास के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। इसी दिवस से कल्पवास का आरम्भ भी होता है। इसके बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है।
मौनी अमावस्या (4 फरवरी, 2019): मौनी अमावस्या पर स्नान करने का विशेष महात्मय माना गया है। इस दिन दूसरा शाही स्नान भी आयोजित होगा।कहा जाता है कि इस दिन पर मेला क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़ होती है।
बसंत पंचमी (10 फरवरी 2019): बसंत पंचमी का अलग ही महत्व है। इस दिन कुंभ में तीसरा शाही स्नान भी होगा। कल्पवासी बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।
माघी पूर्णिमा (19 फरवरी 2019): कुंभ में माघी पूर्णिमा पर स्नान करना भी बेहद पवित्र माना जाता है।
महाशिवरात्रि (4 मार्च 2019): इस दिन महाशिवरात्रि है और आखिरी शाही स्नान 4 मार्च होगा और इसी दिन कुंभ मेले का समापन भी होना है।
कुंभ मेला 2019 से जुड़ी मुख्य जानकारियां -
-35 वर्गकिमी में फैला है कुंभ मेला परिसर
- 45 दिन तक जुटेंगे देश-विदेश के श्रद्धालु
- 15 करोड़ लोगों के आने की सभावना है
- 3200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया है