देशभर में दलितों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। केरल में 30 दलित संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किए जाने के बाद सोमवार को राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम में हुए फेरबदल को लेकर आज राज्य में बंद आ आह्वान किया गया है। ट्रेड यूनियनों द्वारा देशभर में बुलाए गए बंद के चलते दो अप्रैल को भी राज्य में ऐसे ही बंद का असर देखने को मिला था।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गीतानंदन और उनके समर्थकों को कोच्चि से गिरप्तार कर हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान एक बार फिर से कई दुकानों को निशाना बनाए जाने की अासंका जताई गई है लिहासा कई दुकानों को सुरक्षा के लिहाज से बंद रखने की हिदायत दी गई है। वहीं कोल्लम में सराकरी बसों पर पत्थर फेंके गए। 10वीं कक्षा की परीक्षा की कॉपी के मूल्यांकन के लिए जिन शिक्षकों को जिले के मूल्यांकन कैंप पहुंचना था। वे जाम में फंस गए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन अप्रैल को अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बारे में कार्यकताओं का कहना है कि यह दलित और अनुसूचित जनजाति को संरक्षण प्रदान करने वाले कानून को कमजोर करता है।