मध्य प्रदेश में आखिरकार मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी गई। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ट नेता के बीच लगभग सात घंटों की बैठक के बाद ये फैसला कर ही लिया गया कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा। पार्टी व आलाकमना ने कमलनाथ के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है। अब कमल नाथ 17 दिसंबर को भोपाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
देशभर की नजरें मध्य प्रदेश में 15 साल बाद बनने वाली कांग्रेस की सरकार पर है। ऐसे में माना जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह भव्य होने वाला है। माना जा रहा है कि कमलनाथ के साथ उनके मंत्रीमंडल के 20 सदस्य भी शपथ लेंगे। इसके लिए एक मुफीद दिन चुना जाना जरूरी था।
नए सीएम के तौर पर नाम की घोषणा के बाद कमलनाथ ने कहा, "यह पद मेरे लिये मील का पत्थर है। ज्योतिरदित्य का धन्यवाद जिन्होंने मेरा समर्थन किया। इनके पिताजी के साथ मैंने काम किया है इसलिए इनके समर्थन मिलने से मुझे खुशी हो रही है।
प्रदेश के लिए अब हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, हम सब मिलकर हमारा वचन पूरा करेंगे। मुझे पद की कोई भूख नहीं, मेरी कोई मांग नहीं थी। मैंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया। मैंने संजय गांधी, इंदिरा, राजीव के साथ काम किया है और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हूं।" बता दें की मुख्यमंत्री की रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे। हालांकि पार्टी आला कमान ने कमल नाथ को मुख्यमंत्री चुना।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। प्रदेश में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम के अनुसार कांग्रेस ने 114 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है।