हिंदी दिवस (१४सितंबर) के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हिंदी भाषा को देश में ?एक राष्ट्र, एक भाषा? बनाने की पैरवी की थी। उनके इस सुझाव के बाद से राजनीति गर्माती नजर आ रही है।दक्षिण के कई राजनेताओं के बाद अब अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी इस जंग में कूद पड़े हैं।
सोमवार को एक राष्ट्र, एक भाषा के खिलाफ चेतावनी देते हुए कमल हासन ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता है, अगर ऐसा होता है तो इसपर बड़ा आंदोलन होगा।
उन्होंने कहा कि'जल्लीकट्टू तो सिर्फ विरोध प्रदर्शन था। हमारी भाषा के लिए जंग उससे कई गुना ज्यादा होगी। राष्ट्रगान भी बांग्ला में होता है, उनकी मातृभाषा में नहीं। वह जिस बात का प्रतीक है, उसकी वजह से हम उसे गाते हैं और इसलिए क्योंकि जिस शख्स ने उसे लिखा वह हर भाषा को अहमियत और सम्मान देते थे।
कमल ने कहा कि भारत एक संघ है जहां सभी सौहार्द के साथ मिलकर बैठते हैं और खाते हैं। हमें बलपूर्वक खिलाया नहीं जा सकता।कमल हासन ने कहा कि कोई भी नया कानून या स्कीम लाने से पहले आम लोगों से बात करनी चाहिए। जलीकट्टू के लिए जो हुआ वह सिर्फ एक प्रदर्शन था, लेकिन भाषा को बचाने के लिए जो होगा वह इससे बड़ा होगा।