कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 17 से 23 फरवरी के बीच पहली बार भारत का दौरा करने वाले है। यह यात्रा कनाडा में खालिस्तान समर्थक संगठनों के मुखर होने के आरोपों के बीच हो रही है। यह भी कहा जाता रहा है कि ट्रूडो सरकार उनके प्रति नरम है। टोरंटो में पिछले साल 'खालिस्तान इवेंट ' में ट्रूडो की उपस्थिति पर भारत में आपत्ति जताई गई थी।
प्रधानमंत्री जस्टिन टोरंटो के दौरे को लेकर मंत्रालय ने कहा है कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य व्यापार और निवेश, ऊर्जा, विज्ञान और नवाचार, उच्च शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट, स्किल डेवलपमेंट और अंतरिक्ष, समेत आपसी हितों के मुख्य मुद्दों पर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है.?? मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र, बहुलवाद, सभी के लिए समानता और कानूनी नियम जैसे मूल्यों पर आधारित रणनीतिक भागीदारी भी साझा करते हैं. बताते चलें कि कनाडा भारत के सबसे बड़े यूरेनियम सप्लायर्स में से एक है और दोनों देशों के बीच परमाणु तालमेल संधि भी है।
कई वजहों से खास हैं भारत-कनाडा के रिश्ते
प्रधानमंत्री ट्रूडो की इस यात्रा से पहले कनाडा के 11 मंत्रियों ने बीते 18 महीनों में भारत का दौरा किया जिसके दौरान अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा दौरे पर गए थे। उनकी यह चार दशक के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कनाडा यात्रा थी।