देश के 46वें चीफ जस्टिस बने रंजन गोगोई

Aazad Staff

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रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश बने, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हे शपथ दिलाई। रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 तक रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्?ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के राष्ट्रपति भवन में मुख्?य न्?यायाधीश के पद की शपथ ग्रहण की। वे देश के 46वें चीफ जस्टिस का पद सम्भाल रहे है। रंजन गोगोई से पहले जस्टिस दीपक मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई थे।

सुप्रीम कोर्ट मे न्यायाधीशों के कुल 31 मंजूर पद हैं जिसमे से अभी 25 न्यायाधीश काम कर रहे हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा के सेवानिवृत होने के बाद यह संख्या घट कर 24 रह जाएगी। बता दें कि जस्टिस गोगोई के कार्यकाल में पांच और न्यायाधीश सेवानिवृत होंगे और सुप्रीम कोर्ट की कुल रिक्तियां 11 हो जाएंगी। इस तरह से उच्च न्यायालयों में भी जजों के 427 पद रिक्त हैं।

जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर, 1954 में असम में हुआ था। रंजन गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे है। जस्टिस रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था। उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकालत की। इसके बाद, 28 फरवरी, 2001 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया। फरवरी, 2011 में वह पंजाब व हरियाणा के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। उन्हें पदोन्नति देकर अप्रैल, 2012 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।

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