त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थाई टीवी पत्रकार की हत्या का मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पत्रकार शांतनु भौमिक का पहले अपहरण किया गया जिसके बाद उनकी दारधार हथियार से हत्या कर दी गई। शांतनु को अगरतला मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित करार कर दिया। इस घटना के बाद त्रिपुरा पत्रकार संघ ने सीबीआई जांच की मांग की है।
यह वारदात होने से पहले शांतनु पश्चिमी त्रिपुरा में इंडिजीनस फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और सीपीएम के ट्राइबल विंग टीआरयूजीपी का कवर कर रहे थे।मिली जानकारी के मुताबिक आईपीएफटी के कार्यकर्ता मंडावी में स्थित सीपीआईएम के ऑफिस को निशाना बनाने वाले थे। पुलिस ने मौका ए वारदात पर पहुच चुकी थी जिसके बाद भिड़ को रोकने के लिेए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज किया गया। इस बीच पत्रकार शांतनु को कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और धारदार हथियारों से हमला कर दिया
बहरहाल इस घटना के बाद राज्य में राजनीति गर्माई हुई है। इस घटना के बाद सीपीएम और बीजेपी में आरोपों-प्रत्यारोपों का शिलशिला जारी है। सीपीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ''त्रिपुरा में बीजेपी के समर्थन वाली आईपीएफटी द्वारा पत्रकार की हत्या बीजेपी की हताशा ज़ाहिर करता है। पत्रकारों को ख़ामोश करने बीजेपी की आदत रही है। यह बहुत ही शर्मनाक है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। ये मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था की एक और पत्रकार की हत्या का मामला सामने आ गया।