एक बार फिर से जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी विवादों में आ गई है। इस बार अमेरिका की मिसौरी की एक अदालत ने बेबी पाउडर से कैंसर होने की बात साबित होने के बाद कंपनी पर करीब 32 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि कंपनी लगातार इन आरोपों को खारिज करती रही है।
कंपनी को आज नहीं बल्कि दशकों पहले से इस बात की जानकारी थी कि इसके पाउडर में एस्बेस्टस होता है। जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होती है। जानकारी के मुताबिक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी एग्जेक्यूटिव से लेकर माइन मैनेजर, साइंटिस्ट, डॉक्टर और यहां तक कि वकील को भी इस बात की जानकारी थी। इस प्रोडक्ट से लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। सब कुछ जानने के बाद भी कंपनी सालों से यह प्रोडक्ट बेच रही है। बहरहाल कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कंपनी पर 32 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद शुक्रवार को जॉनसन एंड जॉनसन के प्रोडक्ट में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि विवादों से जॉनसन एंड जॉनसन का नाता कई सालों पुराना है। जॉनसन एंड जॉनसन पर कई बार मुकदमा दर्ज किया जा चुका है जिसमें जॉनसन एंड जॉनसन को हरजाने के तौर पर करोड़ो रुपए चुकाने पडे है।
1982 में अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन के टायलीनॉल दवा से 7 लोगों की मौत हो गई थी और कंपनी ने 3.1 करोड़ बोतलों को तुरंत वापस लिया था। वहीं 2008 में कई लोगों ने कंपनी के उत्पादों पर बदबू और मिलावट का आरोप लगाया था। 2 साल बाद कंपनी ने करीब तीन करोड़ यूनिट प्रोडक्स वापस लिए।
2010 में कंपनी के वाशिंगटन प्लांट को बंद करना पड़ा। 2011 में मिर्गी की दवा टोपामैक्स की 57000 बोतलें वापस ली क्योंकि दवा में बदबू थी। 2011 में ही 5 लॉट इंसुलिन पंप के कार्टिजेज मिलावट की आशंका के कारण वापस हुए। 2012 में बेबी लोशन की 2000 ट्यूब ज्यादा बैक्टरिया के कारण वापस हुए। 2013 सायकोटिक दवा की गलत प्रचार में 220 करोड़ डॉलर का जुमार्ना लगा और इसके लिए डॉक्टरों ने रिश्वत भी ली थी।