दिल्ली: जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में छात्राओं के साथ हो रहे यौन शोषण के खिलाफ जेएनयू के छात्रसंघ और शिक्षक संघ ने संसद तक शुक्रवार को पैदल मार्च निकलना था। छात्रों और शिक्षकों का पैदल मार्च जैसे ही आईएनए मार्केट तक पहुंचा, वैसे ही दिल्ली पुलिस ने छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों पर वाटर केनन का प्रयोग किया और उन पर लाठी चार्ज की।इस लाठी चार्ज में कई छात्रों को चोटें आईं है। लाठीचार्ज के दौरान छात्राओं के साथ भी पुलिस द्वारा छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई। विरोध मार्च के दौरान एक महिला फोटो पत्रकार के साथ भी छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक, महिला पत्रकार ने मामले में शिकायत दर्ज करवा दी है. पत्रकार ने आरोप लगाया कि फोटो लेने के दौरान एक वर्दी वाले शख्स ने उसे पकड़ा और वहां से जाने को कहा। आरोप है कि पीछे नहीं हटने पर महिला पत्रकार को बलपूर्वक वहां से हटाया गया. इतना ही नहीं उसका कैमरा भी छीन लिया गया।
बता दे कि इस मामले में करीब 23 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। छात्रों का आरोप है कि बिना किसी उकसावे के उन पर बल प्रयोग किया गया। वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली थी। बावजूद इसके उन्होंने न सिर्फ संसद की ओर रैली निकाली बल्कि पुलिस के बैरिकेडे्स को बल पूर्वक पार करने की कोशिश भी की।
छात्रों की मांग-
जेएनयू के छात्र और शिक्षकों ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी कैम्पस से संसद तक रैली निकाली इस रैली में करीब दो हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन में यौन उत्पीड़न, क्लास में अनिवार्य उपस्थिति, सीट कटौती समेत तमाम मुद्दों को लेकर छात्रों और शिक्षकों ने नारेबाजी की और शिक्षक अतुल जौहरी की बर्खास्त करने की मांग की है। पैदल मार्च के दौरान छात्रों और तैनात पुलिस के बीच झड़प भी हुई जिसमें कुछ छात्रों को चोट भी लगी है।