बजट सत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हो चुका है। आज 1 फरवरी को देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली 11 बजे संसद में आम बजट पेश करेंगे। बता दें कि जेटली चौथी बार आम बजट पेश करेंगे। उनके भाषण पर देश की ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें रहेंगी।
इस बजट को लेकर आम जन को इस बार मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती और वित्तीय सुदृढ़ीकरण पर विराम लगाने के अार्थिक सर्वेक्षण के सुझाव के मद्देनजर यह उम्मीद है कि सरकार वर्ष 2018-19 के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ा सकती है क्योंकि आम चुनाव से पहले लोक कल्याणकारी कार्यों पर व्यय बढ़ाया जा सकता है।
मनरेगा जैसे कार्यक्रमों के लिए अधिक राशि आबंटित की जा सकती है। कृषि बीमा और सिंचाई कार्यों तथा सामाजिक सुरक्षा उपायों के लिए अधिक राशि दी जा सकती है। इसके साथ ही छोटे एवं मध्यम उद्यम पर सरकार अधिक ध्यान दे रही है क्योंकि ये सर्वाधिक रोजगार सृजित करने वाले क्षेत्र हैं।
देशभर में जीएसटी लागू करने की नई डेडलाइन 1 जुलाई तय की गई है। यदि 1 जुलाई से नया टैक्स कानून लागू हो जाता है तो बजट के दौरान अप्रत्यक्ष करों से जुड़ी घोषणाओं का असर महज 3 महीने होगा। ऐसे में अप्रत्यक्ष कर संग्रह से सरकार को वित्त वर्ष के दौरान कितना राजस्व मिलेगा इसका अनुमान लगाना वित्त मंत्री के लिए बड़ी चुनौती होगी।