जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का शनिवार की सुबह लंबी बीमार के बाद निधन हो गया। अपने कड़वे प्रवचन के लिए प्रसिद्ध जैन मुनि ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि वे पीलिया की बीमारी से ग्रसित थे।
जानकारी के मुताबिक उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुरी से शुरू होगी। साथ ही अंतिम संस्कार दिल्ली से 25 किलोमीटर दूर तरुणसागरम तीर्थ में दोपहर 3 बजे होगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां शामिल होंगे। बता दें कि जैन मुनि तरुण सागर जी महारज के अनुयायियों की संख्या देश-विदेश में काफी ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा है कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा। हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है।
जैन मुनि तरुण सागर जी महारज का जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था। उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था। तरुण सागर ने आठ मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था। उन्होने 14 साल की उम्र में ही दीक्षा ली थी।