चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान २ को २२ जुलाई यानी की आज २.४३ मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान को सबसे शक्तिशाली रॉकेट जी.एस.एल.वी मार्क-३ / GSLV Mk III) के जरिए प्रक्षेपित किया जायेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) के चीफ के सिवन ने बताया कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-३ (जी.एस.एल.वी मार्क-३ / GSLV Mk III) के जरिये ४४ मीटर लंबा और ६४० टन का रॉकेट में रखे ३.८ टन का चंद्रयान २ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन की लागत ९७८ करोड़ रुपये है। पिछले सप्ताह ही इसका परिक्षण किया जाना था हालांकि कुछ तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-२ का प्रक्षेपण रोक दिया गया।
भारत का दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-२ की लागत ६०३ करोड़ रुपये है जबकि जी.एस.एल.वी-मार्क-३ रॉकेट की कीमत ३७५ करोड़ रुपये है। पृथ्वी से चांद की दूसरी लगभग ३.८४४ किलोमीटर है और जी.एस.एल.वी-मार्क-३ रॉकेट ही चंद्रयान-२ को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा, जहाँ से रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम की चाँद की यात्रा शुरू होगी। यह रॉकेट अपनी करीब १६ मिनट की उड़ान के दौरान चंद्रयान-२ को इसकी १७० गुणा ४०४०० किलोमीटर की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।
इसरो के अनुसार ?चंद्रयान-२? चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। इससे ११ साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ?चंद्रयान-१? का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के ३,४०० से अधिक चक्कर लगाए और यह २९ अगस्त, २००९ तक ३१२ दिन तक काम करता रहा।