राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को बहादुरी सम्मान के लिए राष्ट्रपति भवन में कई जवानों और शहीद जवानों की पत्नियों को मेडल देकर सम्मानित किया। इसमें जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक १४ वर्षीय इरफान रमजान शेख को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे।
१६ अकटूबर साल २०१७ को तीन खूखार आतंकियों ने इरफान रमजान शेख के घर पर हमला कर दिया। लेकिन इरफान ने उस समय संयम से काम लेते हुए उन तीनों आतंकियों का डट कर सामना किया। इरफान के घर को आतंकियों ने घेर लिया था। इरफान ने जैसे ही घर का दरवाजा खोला तो उसने पाया की तीन आतंकी घर के बरामदे में एके राइफल और ग्रेनेड के साथ खड़े थे। इस दौरान इरफान ने साहस दिखाया और उन्हें अपने घर में घुसने नहीं दिया।
इसी बीच इरफान के पिता रमजान शेख घर से बाहर निकले तो आतंकवादी उनपर टूट पड़े। यहां बता दें कि इरफान के पिता राजनीतिक कार्यकरता है। इरफान ने अपने पिता और परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए आतंकियों का सामना किया। इस बीच आतंकवादियों के अंधाधुंध गोलीबारी में रमजान शेख बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद भी इरफान ने हिम्मत नहीं हारी और उस आतंकी से भिड़ गए जिसने पिता पर गोली चलाई थी। इरफान ने उस आतंकी को बुरी तरह से घायल कर दिया। आतंकवादियों ने जब भागने लगे तो इरफान ने उनका पीछा किया। इरफान को पीछे देख बाकी दो आतंकी अपने साथी की लाश को छोड़कर भाग खड़े हुए।