ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी हैदराबाद की दो दिवसीय एतिहासिक दौरे के बाद शुक्रवार को शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
बता दें कि जिस मस्जिद में रुहानी ने नमाज अदा की वो मस्जिद की नीव 1694 में कुतुब शाही वंश के शासक सुल्तान मोहम्मद ने रखी थी और मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन बनवाई गई।
लंगाना सरकार के अधिकारियों ने रोहानी को कब्रिस्तान के बारे में जानकारी दी, जिसमें 72 मकबरे हैं. उनमें से कई पारसी वास्तुशैली में बने हैं। उन्हें आगा खां ट्रस्ट ऑफ कल्चर के पुनस्र्थापन परियोजना के बारे में भी जानकारी दी गई. रोहानी ने गुरुवार रात मुस्लिम नेताओं और विद्वानों को संबोधित करते हुए शिया-सुन्नी एकता की जरूरत को रेखांकित किया।
रूहानी ने ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की और उन्होंने इस्लामी विद्वानों को संबोधित किया। रूहानी शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करेंगे। दोनों नेताओं की बैठक के बाद एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद अली, पुलिस महानिदेशक एम. महेंद्र रेड्डी और शीर्ष पुलिस और नागरिक अधिकारी भी उनके साथ थे।