आई.एन.एक्स मीडिया धनशोधन मामले में पी चिदंबरम की सी.बी.आई रिमांड आज खत्म हो रही है। हालांकि पूर्व वित्त मंत्री खुद ही रिमांड में रहना चाहते हैं। बता दें कि चिदंबरम को इस बात का डर सता रहा है कि अगर रिमांड खत्म हुई और उन्हें बेल नहीं मिली तो उन्हें तिहाड़ भेजा जा सकता है। इसलिए चिदंबरम खुद ही रिमांड में रहने का ऑफर दे रहे हैं।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग देश और समाज के खिलाफ किया गया अपराध है। चिदंबरम ने खुद अदालत के सामने यह कहा कि उनकी सी.बी.आई रिमांड शुक्रवार को खत्म हो रही है और वे २ सितंबर तक रिमांड में रहने की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सी.बी.आई को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ५ सितंबर तक चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और इसी दिन वह हाईकोर्ट के फैसले पर दायर पूर्व वित्त मंत्री की याचिका पर फैसला सुनाएगी।
जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच के सामने तुषार मेहता ने कहा कि इस तरह की पेशकश को ट्रायल कोर्ट के सामने रखना चाहिए, क्योंकि वही रिमांड को बढ़ाने का फैसला ले सकती है। यह मामला वहीं चल रहा है।
चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आई.एन.एक्स को २००७ में ३०५ करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने १५ मई २०१७ को केस दर्ज किया था। २०१८ में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने २०१७ में एफआईआर दर्ज की थी।